Tuesday 2 February 2016

राजपूत आज तक "पत्रिका"

                               

                                 राजपूत आज तक  ''पत्रिका"  

                                राजपूती इतिहास की जान करी 



  खम्मा घणी ,जय भवानी ,जय माता जी की,

 मेरा नाम मोतीसिंह राठौड़ हैं गांव का नाम जोइन्तरा  हैं जो की जोधपुर नागौर रोड पर जोधपुर से 40 किलोमीटर हैं।  कार्य लेखन व फिल्म निर्माण से जुड़ा हुआ हैं। मेरी नौकरी सेना में लगी थी लेकिन में समाज के लिए कुछ अलग करना चहाता था। मैं स्कूल के  समये से ही समाज के बारे में सोचता था लेकिन उम्र तब छोटी थी।  
         फिर सेना में नौकरी लग गयी लेकिन मन नहीं माना और नौकरी छोड़दी। ताकि समाज सुधार का काम कर सकु। तो मैने मीडिया और लेखन का क्षेत्र चुन लिया। जिसमे मैं अपने समाज के बारे में लिख सकु। 

            आप सभी का राजपूत आज तक वेबसाइट  में स्वागत हैं। राजपूत आज तक का मतलब हैं की आज राजपूत क्या  हैं और  इतिहास किस तरफ मूड रहा हैं। राजपूत अपने आप में परिपूर्ण शब्द हैं। लेकिन आज राजपूत किस तरह अपनी पहचान के लिये झुंझ रहा हैं। 
   
             राजपूत इतिहास विश्व का सर्वोपरि इतिहास रहा हैं। त्याग ,तप ,मान ,मर्यादा तो राजपूतो का गहना हैं। मैं राजपूतो की सबसे बड़ी स्कूल चौपासनी जोधपुर मे पढ़ा हूँ। जिसका इतिहास आज भी अमर हैं। कभी भारत में एक नम्बर पर थी। पढ़ाई भी राजपूती तरीके से होती थी। लेकिन आज स्वरुप अलग हैं। 
             
           राजपूती इतिहास को बदलने वास्ते महाभारत का एक किसा पढ़ना जरूरी हैं जब अभिमन्यु जब माँ के गर्भ में था। तब अर्जुन चक्रव्हयू की लड़ाई का किसा सुनाता हैं जिसको अभिमन्यु माँ के गर्भ में सुनकर चक्रविहु में लड़ता हैं 
          इसका मतलब इतिहास को बनाना हैं तो माँ के गर्भ में पलने वाले बालक को इतिहास की जानकारी देनी होगी। उसको राजपूती इतिहास की शूरवीरता की शिख गर्भ संस्कार में देनी होगी। समाज की माताओ व बहिनो को गर्भ संस्कार के समय संस्कारित इतिहास पढ़ना होगा। 
         कहावत हैं बाग सुधारना हैं तो नर्सरी सुधारो। 

 संस्कारो की नीव गर्भ संस्कार हैं माताओ और बहिनो को अब इतिहास के बारे में सोचना होगा। नारी ही इतिहास की पारी भाषा बदलती हैं। राणा प्रताप हो या शिवाजी सबको माताओ ने सींचा हैं 
         राजपूत समाज आज की दशा और दिशा में कुछ भटक सा जा रहा हैं। समाज के बारे में अब सोचना होगा। नहीं तो आगे किया होगा पता नहीं। 

          पढ़े लिखे व आर्थिक सम्पन समाज के बंधुओ को अब आगे आकर समाज को सुधार व सही दिशा की तरफ मोड़ना होगा। पहले के समय में किताबे व अखबारों का समय था लेकिन आज समाज को मीडिया ,व डिजिटल क्रांति में भी आगे आना होगा। जिससे हम हर कदम पर जमाने को दिखा सके की राजपूत समाज हर युग में परिपूर्ण था और हैं। 
  आज नशा हमारे   समाज  को खोखला कर रहा हैं। शिक्षा में हम पिछड़ रहे  हैं। तो फिर हम किस तरह आगे बढ़ेंगे। इसके बारे में सोचना होगा। जो समाज बंधू राजस्थान से बहार व्यापारी बनकर बहार रह रहें हैं उनको थोड़ा समाज के बारे में अब सोचना होगा। जिस से समाज को सबलता मिल सके। जो समाज आर्थिक सम्पन हैं उनको समाज सुधार में थोड़ा समय देना होगा। परिवार को सीचना जरूरी हैं लेकिन समाज से ही परिवार सक्षम होता हैं विद्वानो को आगे आना होगा। 
 कूल मिला कर अब समाज क्या हैं पर सोचना होगा। इसलिए मैंने राजपूतआज नामक वेबसाइट का निर्माण किया हैं जिसमे मैं आप सभी कुछ लिखने की अपील करता हूँ। आप भी लेख भेजे जिस से कण कण एक मण बन सके। 
                हमें खान पान पर अब अंकुश लगाना होगा। 
इष्ट देव कुलपरम्परा को सुधारना होगा। कुल नारी को पढ़ा लिखा कर सक्षम बनाना होगा। 

मुंबई राजपूत परिषद की मीटिंग फोटो 

 मुंबई राजपूत परिषद के अध्यक्ष श्री मान रतन सिंह राठौड (तुरा) व पद अधिकारी व वसई नालासोपारा के नाथू सिंह देवड़ा ,विक्रम सिंह देवड़ा,रणजीत सिंह देवड़ा,उम्मेदसिंह शेखावत,मोतीसिंह राठौड़ (जोइन्तरा )व अन्य गणमान्य समाज के राजपूत सरदार उपस्थित थे।
इस मीटिंग में समाज से जुडी के बातो पर विचार विमर्श किया गया.समाज का विकास व युवाओ के मार्गदर्शन की बात।दहेज़ परथा को खत्म करना 


भी मुख्य मुदा रहा। समाज को संघटित होना होगा। समाज के सक्षम लोगो को समाज सुधार मै आगे आना होगा। फिल्म निर्माण के बारे मैं मोती सिंह राठौड़ ने बतायानिर्माण करके समाज की आने वाली पढ़ी के सामने लाना।  की मीडिया के जरिया अच्छे साहित्यो पर फिल्म निर्माण करना। श्री मान सिंह तुरा ने कहा की मैं समाज की हर तरफ से मदद के लिए तैयार हूँ और रहूँगा।
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जोधपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल  2015 के फोटो  

खम्माघणी जय माताजी की जय भवानी ,
28 दिसंबर 2015 को जोधपुर में अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुवात मैं मोती सिंह राठौड़ ने की। जिस में रूस स्पेन ऑस्ट्रिया व भारत की फिल्मो का प्रदर्शन किया गया। जोधपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की तस्वीरे : 







         28 दिसंबर 2015 को मैने जोधपुर में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया था। उसकी फोटो हैं। मै फिल्म निर्माण में लेखक व निर्देशक निर्माता के रूप में कार्य कर रहा हूँ।  तथा समाज की कुछ उन कहानियो पर फिल्मे बनाना चाहता हूँ जैसे बाला सती माता (रूप कँवर ) वीर दुर्गा दास ,हम राजपूत ,और कुछ। 
  मैं आप से ऐशी आशा रखता हूँ की समाज सुधार में मेरा साथ दे।
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विशेष :राष्ट्रीय व  अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोई फोटो हैं विवरण के साथ भेजे 

राजपूत आज पत्रिका का लेखन भी कर रहा हैं। कुछ दिनों में  वर्षो का प्रयाश सफल होगा। इस पत्रिका में समाज के के पहलुओ पर जोर डाला जायेगा। वसै तो समाज मे कई पत्रिकाऍ समाज के बुद्धिजीविओ द्वारा निकली जाती हैं। उस लेखन कड़ी में यह मेरा भी छोटासा प्रयास हैं प्रयास मे आप समाज बंधुओ का सहयोग जरूरी हैं। अगर आप का कोई लेख हैं तो आप हमें जरूर भेजे। आप का लेख अगर वाकई छापने लायक हैं तो अवश्य छपेगा। राजपूत आज पत्रिका में। 
                                   

                                "राजपूत आज पत्रिका" 


            1 . वीर दुर्गा दास की कहानी मेरी जुबानी। 
            2 . रामयण हमारा गर्व।
            3 . इतिहास के पन्नो में राजपूत। 
            4 . क्यों भूलगये राजपूत को। 
            5 . कुछ हमारी कम्यां। 
            6 . अब तो जाग उठ राजपूत। 
            7 . राजपूती इतिहास का झरोखा। 
            8 . राजा रजवाड़ा। 
            9 . आम राजपूत दो पाटो में। 
           10 फिल्म निर्माण से राजपूती पतन। 
           11. क्यों जरूरी हैं हमारा फिल्म निर्माण में आना। 
           12 . आज का दौर और राजपूत। 
           13 . नशा कैसे समाज का नाश। 
           14 . क्या राजपूत मांश  खाता था। 
           15. गर्भ सुधार ही समाज सुधार कैसे। 
           16 . राजपूती मर्यादाएं किया और कैसी। 
           17 . राजपूती पहनावों मर्दाना और जनाना। 
           18 . राजपूती पहनाओ और कारण। 
           19 . राजपूती पगड़ी और शान। 
           20 . गढ़ और महल मालिया। 
           21. राजपूती समाज में समाज। 
           22. राजपूती इतिहास रा युद्ध। 
           23 . क्या राजपूती सुरवीर पैदा होने बंद होगये  
                                                                                       लेखक : मोती सिंह राठोड (जोइन्तरा )

                     इन विषयों पर आगे लेख लेख लिखुँगा । अगर इसमें से किसी विषय पर समाज का कोई बंधू लिखना चाहता हैं तो लिख कर मुझे इस ईमेल पर भेजे : rathore201977@gmail.com  
   
             आप का एक विचार समाज की दशा और दिशा बदल सकता हैं। 
   
               आज तलवार नहीं कलम चाहियें। 
               आज समाज को दिशा चाहियें ,
                                                            नारी को अब जागना होगा,नर ऐषा जनना होगा। 
                                                            प्रताप और शिवा,दुर्गा खड़ा करना होगा। 
             हैं समाज से इज्जत अपनी अकेले का कोई वजूद नहीं। 
             अगर हो एक लकड़ी तो टूट जाती हैं लेकिन लकड़ी का भारा नहीं। 
                                                           सुरवीर कुल राजपूत हैं ,सूरज का हैं मान 
                                                           खान पान आन बान से रख शान। 
          कुल ऐषा की लोग तरसे ,मिल्यो भागा सु। 
          कुल रो भार और फ़र्ज़ पुरो कर,शायद पाछो मोको मिले या नहीं। 
                            
                                                         जय भवानी 
                                                                                                  लेखक 
                                                                                          मोती सिंह राठौड़
                                                                              कार्य : लेखक /फिल्म निर्माण 
                                                             संस्थापक :जोधपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 
                                                             संस्थापक : राजपूत आज वेबसाइट और पत्रिका

email : rathore201977@gmail.com
contact : 7219321980



        
   
















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